प्रवीण तैतिया : 26/11 हीरो से आयरनमैन तक का सफर

Praveen Teotia; जब बात भारत के सच्चे हीरो की आती है, तो प्रवीण कुमार तैतिया का नाम गर्व से लिया जाता है। एक ऐसा सैनिक जिसने न सिर्फ़ 26/11 मुंबई आतंकी हमले का मुकाबला किया, बल्कि गोलियां खाने के बाद भी दुश्मनों से डटकर लड़ा। और फिर, घायल शरीर और टूटे अंगों के साथ खुद को Ironman Triathlon जैसे मुश्किल खेल के लिए तैयार किया।

"जख्म अगर इरादों से बड़े हो जाएं, तो ज़िंदगी रुक जाती है। लेकिन अगर इरादे जख्मों से बड़े हों — तो इतिहास बनता है।"

कौन हैं प्रवीण तैतिया? | who is Praveen Teotia?

प्रवीण तैतिया भारतीय नौसेना की MARCOS कमांडो फोर्स से हैं — यह फोर्स सबसे कठिन मिशनों के लिए जानी जाती है। वो उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले के छोटे से गांव भटोना से आते हैं। बचपन में ही उन्होंने ठान लिया था कि देश की सेवा करनी है।

26/11: जब मौत सामने थी, पर कदम पीछे नहीं हटे
2008 में जब ताज होटल, मुंबई पर आतंकवादी हमला हुआ, तो प्रवीण की टीम को वहां भेजा गया। आतंकियों से आमने-सामने की लड़ाई में प्रवीण को चार गोलियां लगीं — एक फेफड़ा खराब, कान का पर्दा फटा। लेकिन उन्होंने तब तक लड़ाई नहीं छोड़ी जब तक 150 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित बाहर नहीं निकाल लिया।

इसके लिए उन्हें मिला Shaurya Chakraभारत का तीसरा सबसे बड़ा वीरता पुरस्कार

Paraveen Teotia एक नजर में

विवरणजानकारी
उपाधिभारत के इकलौते चार बार घायल युद्धवीर आयरनमैन (Battle Wounded Ironman)
किताब के लेखक“26/11 Braveheart – My Encounter with Terrorists That Night”
26/11 योद्धामुंबई ताज होटल में ऑपरेशन ब्लैक टॉरनेडो के हीरो
जिंदगियां बचाईं185+ लोग, जिनमें गौतम अडानी और 4 सांसद शामिल
कमांडो ट्रेनरटैक्टिकल ट्रेनिंग एक्सपर्ट
वेलनेस काउंसलरमानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य में मार्गदर्शक
रिकॉर्ड होल्डरलिम्का बुक रिकॉर्ड, बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड
विशेष दौड़इंडिया गेट से गेटवे ऑफ इंडिया तक 15 दिन में दौड़ पूरी
फेफड़े की चोट के इकलौते सर्वाइवरगोलियों से फटा फेफड़ा, फिर भी आयरनमैन रेस पूरी की
मोटिवेशनल स्पीकरजोश टॉक्स, टेडएक्स जैसे मंचों से बड़ी प्रेरणा
लाइफ कोचयुवाओं और प्रोफेशनल्स को जीवन में दिशा देने वाले
अल्ट्रा मैराथनर2 बार
मैराथन रनर33 बार
हाफ मैराथन रनर50+ बार
लगातार रविवार को हाफ मैराथन50 रविवार लगातार
माउंटेनियरपर्वतारोहण में दक्ष
डीप सी डाइवरMARCOS कमांडो ट्रेनिंग के तहत समुद्री मिशन विशेषज्ञ
टेड टॉक & जोश टॉक“Don’t Deserve Me” – समाज की धारणाओं को तोड़ने वाला संदेश

घायल शरीर, लेकिन न रुका हौसला

हमले के बाद डॉक्टरों ने उन्हें फिजिकली फिट ना मानते हुए नौसेना की एक्टिव ड्यूटी से हटा दिया। पर उन्होंने इसे अपनी हार नहीं बनने दी।

प्रवीण ने फिर से अपने शरीर को ट्रेन किया, दौड़ना शुरू किया, और धीरे-धीरे देश के सबसे कठिन खेल इवेंट्स में हिस्सा लेना शुरू कर दिया।

भारत के पहले दिव्यांग आयरनमैन बने

  • 2018 में प्रवीण ने South Africa Ironman Race पूरी की।
  • बीच रास्ते में साइकिल खराब हो गई, लेकिन उन्होंने बिना गियर के रेस पूरी की — और बन गए भारत के पहले दिव्यांग Ironman
Ironman Praveen Teotia
Source : Praveen Teotia

Ironman Triathlon क्या है ?

Ironman Triathlon दुनिया की सबसे कठिन सहनशक्ति प्रतियोगिताओं में से एक है, जिसमें एक ही दिन में लगातार 3.8 किमी तैराकी, 180.2 किमी साइकिलिंग और 42.2 किमी दौड़ पूरी करनी होती है — वो भी कुल 17 घंटे के भीतर। यह रेस न सिर्फ शारीरिक ताकत की परीक्षा होती है, बल्कि मानसिक धैर्य और आत्मविश्वास का भी असली इम्तिहान है।

लेखक, प्रेरक वक्ता और देशसेवक

प्रवीण ने अपनी किताब लिखी — “26/11 ब्रेवहार्ट: उस रात की मेरी कहानी“, जिसमें उन्होंने हर उस दर्द और संघर्ष को बताया जिससे वे गुज़रे।

आज वे देशभर में मोटिवेशनल स्पीच देते हैं, युवाओं को फिटनेस, अनुशासन और मानसिक ताक़त के लिए ट्रेनिंग देते हैं।


प्रवीण तैतिया की कहानी हमें यह सिखाती है कि

“कभी-कभी किस्मत शरीर छीन लेती है, लेकिन इरादे हम खुद बनाते हैं।”

उनकी कहानी ना सिर्फ़ प्रेरणादायक है, बल्कि यह हमें हर मुश्किल के आगे झुकने से रोकती है। वो सिखाते हैं — हीरो वही होता है जो हार नहीं मानता।

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